Sim Card क्या है, और Sim Card काम कैसे करता है? Hindi (How SIM Card Works) 2022

How SIM Card Works जानने के लिए यह कंटेंट पूरा पढ़े, इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको How SIM Card Works कभी भीं नहीं सर्च करना पड़ेगा।

Hello friends मेरा नाम Ravi हैं, और आज हम जानेंगे SIM Card क्या है, और SIM Card kaise काम करता है? अगर आप यह नहीं जानते हैं तो इस आर्टिकल में बेहद ही सरल भाषा में आपको समझाया जाएगा कि सिम कार्ड क्या है और कैसे काम करता है और सिम कार्ड के सभी पार्ट्स को भी अच्छी तरीके से समझाया जाएगा ताकि आप अपने नॉलेज को उच्च स्तर पर ले जाएं तो चलिए शुरू करते हैं, ( How SIM Card Work's ) बिना टाइम वेस्ट किए।

SIM Card क्या है? What is SIM Card in Hindi: 

Sim Card क्या है, और Sim Card काम कैसे करता है? Hindi (How SIM Card Works)
How SIM Card Works


SIM Card को आम भाषा में समझे तो यह एक ऐसा Card है, जो यूजर के contact को स्टोर करने के लिए बनाया गया है जो एक यूजर से दूसरे यूजर को नेटवर्क के जरिए कनेक्ट करने के लिए काम आता है, SIM Card में user अपनी phone number,identity, और location, network authorization data, personal security keys, contact list और stored text messages शामिल रखता है।

अगर आपके पास सिम कार्ड नहीं होगा तो आप किसी को कॉल नहीं कर पाएंगे और इसे एक फोन से दूसरे फोन में निकाला या डाला जा सकता है।

जैसा की आप जानते हैं, SIM Card एक service provider को हमारी account details पता लगाने के लिए एक अहम भूमिका निभाता है। इस account details से हमारा नाम हमारा एड्रेस हमने कितनी कॉल्स की है और हमने कितने मैसेज किए हैं इसके अलावा हमारे रिचार्ज का मौजूदा प्लान कौन सा एक्टिव है सब कुछ पता चल जाता है, और यह सभी जानकारियां आपके फोन में नहीं उस सिम कार्ड के सर्वर डाटाबेस में स्टोर रहता है जिस कंपनी द्वारा आपने वह सिम कार्ड लिया है।

SIM Card की Full form क्या है? (What is the full form of SIM card):

"Subscriber Identity Module" SIM Card की Full form हैं, जिसका अर्थ है - subscriber या customer की pahchan करना।

SIM Card के कितने प्रकार होते हैं? How many types of SIM cards are there:

SIM Card मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं -

1. GSM SIM

2. CDMA SIM

3. eSIM

GSM SIM Card - GSM की Full From Global System for Mobile हैं, इसे हम एक Phone से दूसरे Phone में निकल व डाल सकते हैं।

CDMA SIM Card - CDMA की Full From Code Division Multiple Access हैं, यह फ़ोन से निकला नहीं जाता।

eSIM SIM Card - इसे एक New Mobile Phone Communication Technology कहते हैं, जिसे आसान रूप में Embedded SIM भी कह सकते हैं। इस प्रकार के सिम कार्ड में कोई भी फिजिकल chip शामिल नहीं होती। हम इस network opreter को बदल भी सकते हैं, इसका एकमात्र कारण है - यह writable chip होती है, इस network को carrier की सहायता से remotely active किया जाता हैं।

SIM Card की shape और size को समझते हैं?

SIM Card rectangular आकार के होते हैं, और यह एक किनारे से कटा हुआ होता है। ताकि जब इसे फ़ोन में डाला जाएं तो fix हो जाएं। Size के अनुसार SIM Card 3 प्रकार के होते हैं।

1. Standard SIM cards

2. Micro SIM cards

3. Nano SIM cards


SIM Card काम कैसे करता है? How does a SIM card work:

SIM अर्थात Subscriber Identity Module में एक integrated circuit होता है, जिसका काम International Mobile Subscriber Identity या IMSI और Keys को स्टोर करके रखना। इसके इस्तेमाल से communication system subscriber की पहचान किया जाता हैं, और इसे प्रमाणित करता हैं।

SIM Card में स्टोर डाटा में एक unique serial number होता है। इसे ICCID भीं कहा जाता है। इसमें Security Authentication Information, Network के बारे में temporary information, एक Personal Identification Number (PIN) और एक Personal Unblocking Code या unblocking के लिए PUK option भीं होता है। आपको बता दें! SIM card की internal memory में personal और financial information, और GSM/CDMA की identity भी store की जाती हैं। जिसका उपयोग SIM application tool kit का इस्तेमाल करके server या handset के साथ communicate करने में मदद करता है।

SIM Cards की important Keys?

1. Integrated Circuit Card Identifier (ICCID)

2. Authentication Key (Ki)

3. Location Area Identity (LAI)

4. SMS Messages

5. International Mobile Subscriber Identity (IMSI)

6. Contacts

1. Integrated Circuit Card Identifier (ICCID):

यह 19 अंकों का प्राइमरी अकाउंट number होता है, यह number कई sections में बटा होता है, जहा Issuer Identification Number (IIN), Individual Account Identification, Check digit आदि होते हैं।

2. Authentication Key (Ki):

Ki एक 128-bit की वेल्यू है, जो mobile network पर SIM card को प्रमाणित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सभी SIM Card का एक यूनिक Authentication Key होता है, जो operator द्वारा personalization process के दौरान प्राप्त किया जाता है। Ki भी network के एक database में स्टोर होता है।

Process

• जब हम मोबाइल में simcard डाल कर मोबाइल को start करते हैं, तब उस simcard से International Mobile Subscriber Identity (IMSI) प्राप्त होता है, और प्राप्त data को mobile operator के पास भेजता है, इसके बाद access और authentication के लिए request करता है।

• इसके बाद Operator Network आने वाली IMSI और सहयोगी Ki के लिए अपने Database में खोज शुरू करता है।

• इसके बाद operator network एक random number (RAND) बनाता है, associated Ki और IMSI के साथ sign करते हैं, फिर दुसरा नम्बर create करते है, जिसे Signed Response (SRES_1) कहते हैं।

• इसके बाद random number (RAND) को mobile और SIM में भेजते हैं, और Authentication Key के साथ sign हो जाता है, इसके बाद SRES_2 generate करते हैं, यह operator network में आता है।

• इसके बाद ऑपरेटर नेटवर्क के द्वारा जनरेट किए गए SRES_1 और mobile से मिले SRES_2 को compare करते हैं। अगर दोनों एक दूसरे से मिलते जुलते हैं, तब SIM को authenticate कर देते हैं।

3. Location Area Identity (LAI): SIM Card का काम है, Network की स्थिति की जानकारी को स्टोर करना। इसे Location Area Identity से प्राप्त करता है, Operator networks को location areas में divide करते हैं, और आपको बता दें कि प्रत्येक area network का एक अलग LAI होता है, जैसे ही डिवाइस की लोकेशन बदलती है यह SIM में न्यू LAI को स्टोर करने लगता है। और अपनी नई लोकेशन के साथ नेटवर्क ऑपरेटर को वापस भेजता है।

4. SMS Messages: SIM Card के स्टोरेज में बहुत सारे मैसेज देखे जा सकते हैं।

5. International Mobile Subscriber Identity (IMSI): इसका इस्तेमाल किसी विशेष ऑपरेटर नेटवर्क पर SIM Card को पहचानने में किया जाता हैं, Mobile Phone का network opretor IMSIs के ज़रिए phone calls को एक और से Connect करते हैं। तभी आप अपने friends या famliy के साथ communicate कर पाते हैं, इससे भीं पहले 3 digits Mobile Country Code (MCC) और आगे 2-3 digits Mobile Network Code (MNC) को दिखाया जाता हैं। इसके आगे के digits Mobile Subscriber Identification Number (MSIN) को बताते हैं। सामान्य रूप में इनकी संख्या 10 digits की होती है। लेकिन 3 digits MNC के रूप में या national regulations कहते हैं अगर IMSI की संख्या 15 digits से कम हो तो इनकी संख्या घटाई भी जा सकती हैं। IMSI की संख्या सभी देशों में अलग अलग होती हैं। 

6. Contacts

SIM card में हम 250 contact number store कर सकते हैं।


SIM card के Functions क्या है?

SIM card के functions कुछ इस प्रकार से हैं।

1. यह subscriber की पहचान करता है- SIM card में मौजूद IMSI Subscriber को पहचानने में मदद करता है। सभी Mobile Number पर एक IMSI होता है, जिसे HLR (Home Location Register) निरोजित करते हैं, जिससे subscriber को नियोजित कर सकें।

2. Subscriber को प्रमाणित करता है- इस प्रॉसेस के समय SIM card पर authentication algorithm का इस्तेमाल कर सभी subcriber द्वारा IMSI और RAND पर आधारित एक अलग response दिया जाता हैं। इस response को network द्वारा computed values के साथ match करते हैं। और legal subscriber को networke में प्रवेश करने की अनुमति मिलती है। इसके बाद ग्राहक mobile service provider के द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का लाभ उठा सकें।

3. Storege - SIM Card हमे कुछ storege भीं देता है, जिसमें हम अपने contact number को सेव कर सकते हैं।

Inside of SIM Card - की जानकारी

SIM card के अंदर इलेक्ट्रॉनिक circuit होता है, जो plastic Paper पर जुड़ा होता है, इसे Universal Integrated Circuit Card (UICC) कहा जाता है। Electronic circuit, paper पर एक small capacity processor system होता है, जो low level programming के लिए जरुरी है।

Processor एक small integrated circuit होता है, जिसे moblie में डालने के बाद mobile द्वारा read किया जाता है। Modern processor में वो सभी चीजें शामिल होती हैं जो SIM operating system (OS) के कार्यान्वयन के लिए जरुरी होती हैं। इसमें ALU, तीन प्रकार की memories और input output ports शामिल होते हैं। OS को execute करने के लिए तीन प्रकार की memories – system, scratch-pad और erasable memories की जरूरत होती है।

System memory OS program और constants को स्टोर करता है। scratch-pad memory की जरूरत intermediate results को स्टोर करने और stack के implementation के लिए होती है। erasable memory का इस्तेमाल subscriber की information, जैसे कि mobile number, phone directory आदि को स्टोर करने के लिए किया जाता है।

Microcontroller आधारित SIM Cards

SIM card का सबसे Important भाग Microcontroller होता है। यह एक paper sized chip होता है जिसपर external उपकरण लगे होते हैं, जिनका एकमात्र काम code को execute करना होता है, ताकि subscriber को Services उपलब्ध करा सके। इन बाह्य उपकरणों में 64KB से 512KB के बीच ROM, 1KB से 8KB के बीच RAM और 16KB से 512KB के बीच EEPROM शामिल होते हैं।

ROM मे card के लिए एक operating system होता है, EEPROM के data को निजीकरण कहा जाता है जिसमे IMSI, contact table, SMS management आदि शामिल होते हैं। SIM की operating voltage 1.8V, 3V या 5V होती है, यह clock frequency 20MHz तक की होती है।

SIM और Handset के बीच Communication

यह SIM card mobile का removable part होता है और इसे किसी भी handset में इस्तेमाल किया जा सकता है। दोनों के बीच धारावाहिक संचार के माध्यम से connection स्थापित किया जाता है। SIM के फ्लैट कनेक्टर पर केवल एक I/O pin उपलब्ध होता है। Input और output data दोनों का transfer इसी pin के माध्यम से होता है। यह two way communication, duplex कहलाता है लेकिन अभी तक एक ही wire के इस्तेमाल होने की वजह से इसे आमतौर पर अर्ध द्वैध कहा जाता है। पुराने SIM cards के लिए data transfer rate 9.6Kbps और modern SIM cards के लिए 500Kbps होता है।

SIM Card में Software

Operating System program C, assembly या java language में लिखा होता है, और SIM card की system memory में स्टोर होता है। इसके उद्देश्य कुछ इस प्रकार हैं:

• Subscriber के data को manage करता है, जैसे identity, phone number, contact list, SMS आदि।

• यह encryption technique के माध्यम से authentication द्वारा subscriber के data को secure करता है।

• Memory management करता है।

• Authentication, call management, power management आदि activities को monitor करता है।

• Data communication स्थापित करता है।


SIM card Parts and Functions

VCC – Phone की power supply से connect करने के लिए।

CLK – Processor के लिए SIM को clock signal के साथ provide कराता है।

RST – जरूरत पड़ने पर SIM को reset करने के लिए।

GND – Chip को ground करना।

SIM Data I/O Pin – डाटा transfer करने के लिए।

VPP – Voltage Programming Power

D+ and D- (Optional USB Pad) – भविष्य में इस्तेमाल के लिए reserve होते हैं।


Conclusion

मैं आशा करता हूं कि आपको मेरा ये आर्टिकल Sim Card क्या है, और Sim Card काम कैसे करता है? Hindi (How SIM Card Work's) जरूर पसंद आया होगा। आज के बाद आपको SIM Card को दोबारा समझने की जरूरत नहीं होगी।

अगर आपको मेरा यह आर्टिकल पसंद आया है, तो आप इसे शेयर कर सकते हैं। और साथ ही कोई और qustion आपके मन में होतो कॉमेंट में जरूर पूछे हम पुरी कोशिश करेंगे की आपको सही व पुरी जानकारी प्रदान करे। अब हम मिलते है, अगले आर्टिकल में।


SIM Card FAQs

Q1. सिम कार्ड से क्या होता है?

Ans. SIM Card बहुतही छोटा उपकरण होता है, जिसमें एक chip लगी होती हैं, जिसको किसी भी GSM moblie Phone में डाल कर उपयोग में लाया जाता है।

Q2. सिम कार्ड का हिंदी नाम क्या है?

Ans. SIM Card को हिंदी में हम सिम को पूरा नाम ग्राहक पहचान मॉड्यूल कहते है।

Q3. सिम कार्ड का दूसरा नाम क्या है?

Ans. SIM Card का पूरा नाम मतलब दूसरा नाम सब्सक्राइबर इन्देंतिटी मॉड्यूल (subscriber identity module) होता है।


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