IPO Kya hai और IPO क्या काम आता है यदि आपने हमारा ये आर्टिकल अच्छे से पढ़ा तो आपको ipo के बारे में पुरी जानकारी हो जाएगी।
Hello friends मेरा नाम सूर्य प्रताप सिंह और आपकों में बताने जा रहा हूं IPO kya hai के बारे में पुरी जानकारी तो दोस्तो आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक पढे और आपके मन में उठ रहे सवालों के जवाब चुटकियों में पाए।
IPO Kya hai | IPO क्या है
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IPO Kya hai |
यदि आपकों IPO Kya hai के बारे नही पता तो में आपकों पहले IPO के बारे में बताता हु की यदि एक कंपनी जब अपने शेयर को पहली बार लोगो के लिए जारी करता है तो उसे IPO कहते हैं।
आइपीओ (IPO) का फुल फॉर्म होता है- इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering) इसमें जब कोई एक कंपनी अपने समान्य शेयर को पहली बार लोगो के लिए जारी करता है तो उसे आईपीओ कहते हैं।
कंपनियों द्वारा IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में listed हो सके। शेयर बाजार में listed होने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीद शेयर बाजार में हो जाति है। कंपनी निवेश करते समय फंडिंग इकट्ठा करने के लिए IPO जारी करती है।
IPO में जब कंपनी अपने शेयर पहली बार लोगो के लिए जारी करती है तो उसे IPO कहा जाता है। एक फर्म (Firm) के IPO शुरू करने के दो विषेस कारण पूंजी इकठ्ठा और पूर्व निवेशकों को समृद्ध करना है।
IPO दो तरह के होते हैं:-
- फिक्स्ड प्राइस आईपीओ (Fixed Price IPO)
- बुक बिल्डिंग आईपीओ (Book Building IPO)
फिक्स्ड प्राइस आईपीओ (Fixed Price IPO)
Fixed Price IPO को कीमत जारी करने के लिऐ रूप में संदर्भित किया जा सकता है जो कुछ कंपनियां अपने शेयरों की Initial खरीद के लिए निर्धारित करती हैं। निवेशकों को उन शेयरों की कीमत के बारे में पता चलता है जिन्हें कंपनी Public करने का फैसला करती है। कीमत लगने के बाद बाजार में शेयरों की मांग का पता लगाया जा सकता है। यदि निवेशक इस IPO में हिस्सा लेते हैं, तो उन्हें यह पूरा यकीन करना होगा कि वे आवेदन करते समय शेयरों की पूरी कीमत का भुगतान करें।
बुक बिल्डिंग आईपीओ (Book Building IPO)
Book Building के मामले में IPO शुरू करने वाली कंपनी निवेशकों को शेयर में 20% मूल्य बैंड प्रदान करती है। शेयर के निवेशक अंतिम कीमत तय होने से पहले शेयरों पर बोली लगाते हैं। यहां निवेशकों को उन शेयरों की संख्या नामांकित करने की आवश्यकता है जिन्हें वे खरीदना चाहते हैं और वह रुपए जो वे प्रति शेयर भुगतान करने को तैयार हैं।
सबसे कम शेयर की कीमत को फ्लोर प्राइस आईपीओ के रूप में जाना जाता है और उच्चतम स्टॉक मूल्य को कैप प्राइस के रूप में जाना जाता है। शेयरों संबंधित कीमत में अंतिम निर्णय निवेशकों की बोलियों द्वारा निर्धारित की जाति है।
कंपनी IPO क्यों जारी करती है?
जब कंपनियों को अपना काम बढ़ाने के लिए पैसों की आवश्कता होती है तो वह IPO जारी करती है। ये IPO कंपनी उस समय भी जारी कर सकती है जब उसके पास पैसे की कमी हो वह बाजार से लोन लेने के बजाय IPO से पैसा जुटाना चाहती हैं। शेयर बाजार के लिस्ट में लिस्टेड होने के बाद कंपनी अपने शेयरों को बेचकर पैसा इखट्टा करती है। बदले में IPO खरीदने वाले लोगों को कंपनी की हिस्सेदारी मिल जाती है। मतलब जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदेगे तो आप उस कंपनी के खरीदे गए हिस्से के मालिक बन जाते हैं।
क्या IPO निवेश करने में रिस्क हो सकता है?
इसमें कंपनी के शेयरों की परफॉर्मेंस के बारे में कोई आंकड़े या जानकारी लोगों के पास नहीं होती है, इसलिए इसे थोड़ा रिस्की तो माना ही जाता है। लेकिन जो व्यक्ति पहली बार शेयर बाजार में निवेश करता है उसके लिए IPO बेहतर विकल्प है।
IPO में निवेश कैसे करें?
अगर आप IPO में पैसे डालना चाहते है तो उसके लिए आपको डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट बनना होता है। ये अकाउंट एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट और एक्सिस डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खुलवाया जा सकता है। इसके बाद आपको जिस कंपनी में निवेश करना है उसमें आवेदन करें। निवेश के लिए जरूरी रकम आपके डीमैड एकाउंट से एक्सेस एकाउंट में होनी चाहिए। निवेश की रकम तब तक आपके एकाउंट से नहीं काटी जाति जब तक आपको शेयर अलॉट नहीं हो जाता।
जब भी कोई कंपनी IPO निकालती है उससे पहले इसका एक निश्चित समय किया जाता है जो 3-5 दिन का होता है। उसी समय में उस कंपनी का IPO ओपन रहता है। जैसे शेयर मार्केट से हम एक, दो या अपने चुनाव से शेयर खरीदते है इसमें भू बिलकुल ऐसा नहीं होता। यहां आपको कंपनी द्वारा तय किए गए लॉट में शेयर खरीदना होता है। ये शेयर की कीमत के हिसाब से 10-200 या अधिक भी हो सकता है। वहां आपको 1 शेयर की कीमत भी दिखाई जाति है।
IPO की कीमत कैसे तय होती है?
IPO की कीमत दो प्रकार से तय किया जाता है। इसमें पहला होता है प्राइस बैंड और दूसरा फिक्स्ड प्राइस इश्यू ।
प्राइस बैंड कैसे?
शेयर की कीमत को फेस वैल्यू भी कहा जाता है। जिन कंपनियों को IPO लाने की इजाजत होती है वे अपने शेयर्स की कीमत तय कर सकते हैं। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सेबी और बैंकों को रिजर्व बैंक से अनुमति लेने होते है। कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बुक-रनर के साथ मिलकर प्राइस बैंड तय करते है। भारत में 20% प्राइस बैंड की इजाजत है। इसका मतलब है कि बैंड की अधिकतम सीमा फ्लोर प्राइस से 20% से ज्यादा नहीं कर सकते है। फ्लोर प्राइस वह न्यूनतम कीमत है, जिस पर बोली लगाई जा सकती है। प्राइस बैंड उस दायरे को कहते हैं जिसके अंदर शेयर जारी किए जाते हैं। आप मानिए की प्राइस बैंड 100 से 105 का है और इश्यू बंद होने पर शेयर की कीमत 105 तय होती है तो 105 रुपए को कट ऑफ प्राइस कहा जायेगा। अमूमन प्राइस बैंड की ऊपरी कीमत ही कट ऑफ होती है।
आखिरी कीमत
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट अविनाश गोरक्षकर के अनुसार बैंड प्राइस तय होने के बाद निवेशक किसी भी कीमत के लिए बोली लगाते हैं। बोली लगाने वाला कटऑफ बोली भी लगा सकते है। इसका मतलब है कि अंतिम रूप से कोई भी कीमत तय हो, वह उस पर इतने शेयर खरीदेगै। बोली के बाद कंपनी ऐसी कीमत तय करती है, जहां उसे लगता है कि उसके सारे शेयर बिक जाएंगे।
अगर IPO में कंपनी के शेयर नहीं बिकते हैं तो क्या होगा?
अगर कोई कंपनी अपना IPO लाती है और निवेशक शेयर नहीं खरीदते है तो कंपनी अपना IPO वापस ले सकती है। हालांकि कितने प्रतिशत शेयर बिकने चाहिए इसको लेकर कोई अलग नियम नहीं है।
Conclusion
मुझे पुरा भरोसा है कि आप लोगों को हमारा यह आर्टिकल IPO Kya hai? जाने IPO केसे काम करता है जरूर पसंद आया होगा और इस आर्टिकल में दी गई सभी जानकारियां आपको बोहोत अच्छे से समझ आ गई होगी यदि आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा है तो आप इसे अपने दोस्तों और सोशल मीडिया के साथ शेयर करें ताकि उनको भी मालुम हो की IPO Kya hai? जाने IPO केसे काम करता है और यदि आपको इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद भी कोई समस्या आ रही है तो आप निचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते है।
IPO Kya hai FAQ
आईपीओ का शेयर कितने का है?
एलआईसी के आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 902 से 949 रुपये प्रति शेयर तय किया है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि एलआईसी अपने पॉलिसीधारकों (LIC Policyholder) को 60 रुपये की छूट देगी। वहीं खुदरा निवेशकों और कर्मचारियों को 40 रुपये की छूट दी जाएगी।
आईपीओ कैसे मिलता है?
आप ऑफ़लाइन तरीके से या ऑनलाइन तरीके से आईपीओ के लिए बोली लगा सकते हैं। ऑफ़लाइन तरीके में, फॉर्म खुद से भर जाता है और आईपीओ बैंकर या आपके ब्रोकर के पास सबमिट किया जाता है। ऑनलाइन आवेदन में आप सीधे अपने ब्रोकर के जरिए दिए गए ट्रेडिंग इंटरफेस के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
शेयर कब खरीदना चाहिए?
शेयर कब खरीदे और बेचे, इसका जवाब सफल निवेशक वारेन बफेट बताते हैं कि आपको उस समय शेयर खरीदना चाहिए जब पूरा स्टॉक मार्केट डरा हुआ हो और उस समय शेयर बेचना चाहिए जब पूरा बाजार लालच से भरा हो। मतलब वो कहते हैं कि जब मार्केट डरा हुआ हो तो आपको लालची बन जाना चाहिए और जब मार्केट लालची हो तब आपको डर जाना चाहिए।
कैसे आईपीओ से पैसे कमाने के लिए?
ये कीमत आमतौर पर वो कीमत होती है जिस पर सबसे ज्यादा एप्लीकेशन या अर्जी आई हों। लिस्टिंग डे (Listing Day)- इस दिन कंपनी का शेयर एक्सचेंज पर लिस्ट होता है। लिस्टिंग कीमत उस दिन शेयर की माँग और सप्लाई के आधार पर तय होती है। इसके बाद शेयर अपने कट ऑफ कीमत से प्रीमियम, पार या डिस्काउंट पर लिस्ट होता है।
सबसे सस्ता शेयर कौन सा है?
Suzlon Energy Ltd. हमारे ₹10 से कम कीमत वाले शेयर 2022 की लिस्ट में सबसे पहले नंबर जो share है वह सुजलॉन कंपनी का शेयर है इसकी कीमत करीब ₹8 के आसपास है कंपनी का कुल market capitalisation 7.566 करोड़ है यह कंपनी रिन्यूएबल एनर्जी पर काम करती है.
शेयर कैसे ख़रीदा जाता है?
Share kaise Kharide के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया है:
पहले शेयर का चुनाव करें, जिसे आप खरीदना चाहते हैं।
उसके बाद अपने डीमैट अकाउंट में “BUY” के ऑप्शन पर जाएँ और क्लिक करें।
शेयर की संख्या दर्ज करें
Normal या CNC ऑप्शन सेलेक्ट करें
Market या Limit Optionसेट करे दें।
शेयर का प्राइस डालें और Enter दबाएं।
IPO कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं?
जब आईपीओ ओपनिंग क्लोज हो जाती है तो कंपनी आईपीओ का अलॉटमेंट करती है. इस प्रोसेस में कंपनी सभी इनवेस्टर्स को आईपीओ अलॉट करती है और इनवेस्टर्स को आईपीओ अलॉट होने के बाद शेयर स्टॉक एक्सचेंज (STOCK MARKET) में लिस्ट हो जाते हैं. स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने के बाद शेयर सेकेंड्री मार्केट में खरीदे और बेचे जाते हैं.
आईपीओ के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
आप सीधे अपने डीमैट खाते के माध्यम से या अपने बैंक के माध्यम से ऑनलाइन आईपीओ के लिए आवेदन कर सकते हैं यदि यह आपको एएसबीए सुविधा प्रदान करता है। एएसबीए सुविधा होना एक सेबी जनादेश है जिसका आपको आईपीओ के लिए आवेदन करने के लिए पालन करना होगा।