Plastic Kya Hai? कैसे बनता हैं हानि और लाभ जानें। what is plastic 2022

प्लास्टिक हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, परन्तु ये हमारे वातावण को बहुत हानि पहुंचा रहा है, प्लास्टिक का उपयोग सब्जी लाने वाली पॉलिथीन, बॉटल, इलेक्ट्रिक बोर्ड, बच्चों के खिलौनों, और भी बहुत सी जगह उपयोग में लाया जाने लगा है। इस कारण से आपके मन में बहुत से सवाल आए होंगे।

हैलो दोस्तों, मेरा रवि हैं, और आज हम प्लास्टिक के बारे में जानेंगे और पढ़ेंगे। प्लास्टिक कैसे बनता हैं। प्लास्टिक से होने वाली हानियां, और लाभ इतना ही प्लास्टिक के कितने प्रकार हैं और प्लास्टिक के प्रकारों को भीं विस्तार में समझेंगे तो चलिए बीना किसी देरी के शुरू करते हैं। 


प्लास्टिक क्या हैं? Plastic Kya Hai in Hindi:

प्लास्टिक एक प्रकार का कृत्रिम और अर्द्धकृत्रिम पॉलिमर पदार्थ है। जो बड़े आकार के अणुओं वाले रासायनिक यौगिक से मिलकर बना होता है। प्लास्टिक को आकार देने में प्लास्टिक में मौजूद plasticity सहायता करती हैं। plasticity के गुणों के कारण ही प्लास्टिक आकार की ठोस वस्तुओं में ढ़लने, बाहर निकलने और दबने में सक्षम सक्षम बनता है। प्लास्टिक के अनुकूलन समता और विभिन्न गुणों की वजह से इसे ज्यादा उपयोग में लाया जाता है, जैसे: प्लास्टिक हल्के होते हैं, लचीले होते हैं, और सस्ते भीं होते है।

Plastic शब्द ग्रीक के plastiko शब्द से लिया गया। जिसका अर्थ है। बढ़ना या बनना वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्लास्टिक को मानव औधोगिक प्रणाली द्वारा बनाया जाता है। ज्यादातर प्लास्टिक जीवाश्म ईंधन पर आधारित होते है। प्लास्टिक को chemicals से भीं प्राप्त किया जाता है जैसे प्राकृतिक गैस या पेट्रोलियम।

बीतते समय के साथ प्लास्टिक को बनाने के औधोगिक तारीके को बदल कर renewable material से प्लास्टिक बनाने लगे हैं, जैसे मक्का और कपास के योगिको का उपयोग विकसित अर्थव्यवस्थाओं में एक तिहाई plastic का उपयोग पैकिंग और सामान बनाने में, plumbing और पाइप बनाने में किया जाता हैं। इतना ही नहीं, प्लास्टिक का उपयोग बड़े पैमाने में ऑटोमोबाइल, फर्नीचर, बच्चो के खिलौने बनाने में किया जाता है। हम इसे कुछ इस तरह भीं समझ सकते हैं, प्लास्टिक दुनियां में 42% पैकिंग में उपयोग में लाया जाता है, और चिकित्सा के उपकरणों को बनाने में किया जाता है। आपको यह जान कर हैरानी होगी की प्रतिवर्ष एक व्यक्ती के लिए लगभग 50kg प्लास्टिक बनाया जाता हैं। साथ ही हर डाल प्रॉडक्शन दोगुना होता जाता हैं।

Plastic कैसे बनता हैं? How is plastic made in Hindi:

Plastic Kya Hai? कैसे बनता हैं हानि और लाभ जानें। what is plastic
Plastic Kya Hai? कैसे बनता हैं।

प्लास्टिक बनाने के लिऐ तीन प्रॉसेस का इस्तेमाल किया जाता है -

1. Plastic को बनाने के लिए पौधो, प्राकृतिक गैस तेल आदि से प्राप्त होने वाले raw material का इस्तेमाल किया जाता है। जिन्हें शोधित करने के बाद ethane और propane को प्राप्त किया जाता हैं।

2. इसके बाद ethane और propane को गर्म किया जाता हैं, इस विधि को cracking नाम दिया गया है। इस विधि से ethylene और propylene की प्राप्ति होती हैं।

3. अब ethylene और propylene को एक साथ जोड़कर बहुत सारे polymers बनाए जाते हैं।

प्लास्टिक बनाने की प्रक्रिया को विस्तार से समझे:

प्लास्टिक बनाने के लिए सबसे पहले प्राकृतिक गैस, तेल या पौधे से प्राप्त होने वाले row material का उपयोग किया जाता है। जिनको रिफाइन करके ethane और propane को तैयार किया जाता हैं, इतना सब करने के बाद ethane और propane को उच्च ताप पर गर्म किया जाता हैं। जिसे cracking process कहते हैं, इस प्रक्रिया को करने से ethane और propane से ethylene और propylene की प्राप्ति होती हैं। जिसे हम monomers भी कह सकते हैं। Monomer का अर्थ है: अणु जिसे दूसरे सामान अणुओं के साथ जोड़कर polymer बनाया जा सकता है।

Ethylene और propylene monomers को एक catalyst के साथ जोड़ कर एक polymer fluff बनाया जाता हैं। जो कुछ कपड़े धोने के के पाउडर की तरह दिखता है। इसके बाद इसे एक extruders में डाला जाता है जहां इसे पिघलाकर एक पाइप में डाला जाता हैं। 

अब प्लास्टिक की एक लम्बी tube बनाई जाती हैं जिसे ठंडा करने के बाद छोटी छोटी गोलियों में काट दिया जाता हैं। और इन प्लास्टिक की गोलियों को फैक्टरी में भेज दिया जाता हैं। जिससे पानी की बॉटल, पाइप्स, हॉस्पिटल उपकरणों को बनाया जाता हैं। 

प्लास्टिक बनाने के लिए labor और experience की आवश्यकता होती है, इसे इनाने की कोई स्पष्ट तरीका नहीं हैं, क्योंकि ये बहुत सारे तरीकों से बनाया जाता है।

प्लास्टिक कितने प्रकार के होते हैं? What are the types of plastics in Hindi:

प्लास्टिक 7 प्रकार के होते हैं, क्योंकि प्लास्टिक के कई प्रकार के होते हैं। जैसे हम आपको समझाते हैं, कुछ प्लास्टिक reusable होते हैं, जिनको recycle करके दोबारा इस्तेमाल किया जाता है। और कुछ प्लास्टिक को recycle नहीं किया जा सकता। ऐसा इसलिए होता हैं, क्योंकि इसको बनाने के लिए जिस कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता हैं उसकी वजह से कुछ प्लास्टिक ही recycle होते हैं, जबकि कुछ को ही disposed करने की जरूरत होती हैं। चलिए प्लास्टिक के प्रकारों को जानते है। और पर्यावरण पर प्लास्टिक के प्रभाव को समझते हैं। 

सन् 1988 ने plastic industry की society ने दुनियां भर को Resin Identification Code (RIC) से अवगत कराया। जिन्होंने प्लास्टिक को 7 अलग अलग भागो मे बाट दिया। ऐसा करने का एक मात्र उद्देश्य consistent national system मुहैया कराना था। जो प्लास्टिक की recycling आसान बना सकें। तबसे कुछ छोटे - मोटे बदलावों के बाद RIC को worldwide standard plastic classification की मान्यता दी गई। फिर प्लास्टिक को 7 भागों में बांट दिया गया। 

1. Polyethylene Terephthalate (PET)

2. High Density Polyethylene (HDPE) 

3. Polyvinyl Chloride (PVC) 

4. Low Density Polyethylene (LDPE)

5. Polypropylene

6. Polystyrene

7. Other Plastic


1. Polyethylene Terephthalate (PET): 

इस प्रकार के प्लास्टिक polyethylene terephthalate से बने होते हैं। इसका अधिक उपयोग होने की वजह से यह पहले स्थान पर है। अधिकतर उपयोग खाने - पीने के सामान की पैकिंग के लिए किया जाता है। क्योंकि यह ऑक्सीजन को खाद्य पदार्थों से मिलने से रोकने में अधिक सक्षम है, और यह फिर आपको खराब भी नहीं होने देता है।

आमतौर पर इस तरह के प्लास्टिक को सड़कों और फुटपाथों के साइड में चलने वाले recycling program के तहत उठाया जाता हैं, Polyethylene Terephthalate प्लास्टिक से बनने वाली बोतले दुनियां में सबसे ज्यादा recycle होने वाली प्लास्टिक हैं। 

2. High Density Polyethylene (HDPE):

इस प्रकार के प्लास्टिक अद्भुत प्रतिरोधी resin हैं, इसका उपयोग grocery bags, agriculture pipes, recycling bins, milk jugs आदि बनाने में किया जाता है। इसके अलावा इस तरह के प्लास्टिक का उपयोग शैंपू की बोतल ढक्कन और खेलकूद के प्रोडक्ट बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह के प्लास्टिक लंबे unbranched polymer chain से बना होता है । जो PET के मुकाबले मोटे हो हैं।

इस तरह के प्लास्टिक काफी कठोर होते हैं और यह गिरने या टकराने पर टूटते नहीं है। इसके अलावा यह बिना किसी प्रभाव के 120 डिग्री सेल्सियस के तापमान को भी सहन कर सकते हैं। बात करें इसके recycling होने की तो यह सबसे आसान recycling plastic polymer है। इसीलिए इस तरह के प्लास्टिक को दुनिया के अधिकांश recycling centers में एक्सेप्ट किया जाता है।

3. Polyvinyl Chloride (PVC) :

Polyvinyl chloride दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा बनाया जाने वाला प्लास्टिक हैं। इसमें synthetic plastic polymer पाया जाता है। यह दो रूप में उपलब्ध है। rigid और flexible होता है, Rigid रूप में PVC का सबसे ज्यादा इस्तेमाल building और construction industry में दरवाज़े व खिड़कियों की आउटलाइन व पानी के इस्तेमाल होने वाली पाइप बनाने में किया जाता हैं।

इस तरह के प्लास्टिक को दुसरे substance के साथ मिक्स किया जाएं तब यह soft और flexible हो जाता हैं, और इस तरह plumbing, wiring आदी के लिए3 उपयोग में लाया जाता है।

यह काफ़ी हल्का, मजबूत और आसानी से उपयोग में लाया जाता है। इसलिए PVC अनेक पारंपरिक कामों में building materials की जगह लेता जा रहा है, जैसे लकड़ी, धातू, कंकरीट, रबड़ आदि। लेकिन PVC को recycle करना काफ़ी मुश्किल होता है, इसलिए इसे अवॉइड कर दीया जाना चाहिए।

4. Low Density Polytechylene (LDPE): 

इस तरह के प्लास्टिक soft, flexible और lightweight plastic material हैं, इसमें HDPE के बिल्कुल विपरीत low density molecules हैं, जो इसे पतला और अधिक flexible design देते हैं, सभी प्लास्टिक से इसका structure बहुत ही simple हैं इसलिए इसके उत्पादन को सरल और सस्ता बनाता है।

इसका उपयोग plastic bags, बहुत सारे containers, cold drink की बॉटल और plastic wrap को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।

5. Polyproplyene:

Polypropylene दूसरा सबसे ज्यादा बनाया जाने वाला प्लास्टिक हैं। और माना जाता हैं की यह कुछ सालो मे और ज्यादा बढ़ेगा। और यह काफ़ी सख़्त और मजबूत होता है, इसीलिए या अधिक ताप को आसानी से झेल सकता है, यह container, कार के पार्ट्स, दही के container आदि में पाया जाता है। इसका इस्तेमाल प्लास्टिक में लचक बनाने के लिए किया जाता है इसीलिए यह बार-बार मरने पर भी नहीं टूटता।

6. Polystyrene:

इस तरह का प्लास्टिक ठोस या फोमयुक्त होता है, यह resin की लागत काफ़ी कम होती है। और इस तरह के प्लास्टिक को आसानी से बना जा सकता है। इसका इस्तेमाल cups, विधूतरोधी और egg cartoon, और disposable dinnerware में packaging material को बनाने के लिए किया जाता है। 

इस तरह के प्लास्टिक ज्यादातर Styrofoam के नाम से जानें जाते हैं, जो जलने पर अधिक ज्वलनशील और खतरनाक केमिकल छोड़ते हैं। आमतौर पर जब यह गर्म किए जाते हैं तब यह ज्यादा केमिकल्स और धुआं उत्पन्न करते हैं। पर्यावरण के लिहाज से इन्हें देखा जाए तो यह सबसे ज्यादा खतरनाक प्रदूषण कारक प्लास्टिक हैं। क्योंकि यह biodegradable नहीं है, और साथ में low specific gravity होने की वजह से यह हवा और पानी के साथ बह भीं जाता है।

ऐसे में जानवर भी इन प्लास्टिक को नहीं पहचान पाते और भोजन समझकर खा लेते हैं। जिनमें से पक्षियों और समुद्री जीवो पर अधिक प्रभाव पड़ता है और वह बीमार हो जाते हैं, इस प्लास्टिक को curbside recycling program में accept नहीं किया जा सकता।

7. Other Plastic:

अगर ऊपर बताए गए थे प्लास्टिक के कैटेगरी इसमें से कोई भी प्लास्टिक मैच नहीं खा रहा है तो उसे अदर कैटेगरी में रखा जाता है इस तरह के प्लास्टिक में सबसे बेहतरीन प्लास्टिक Polycarbonates (PC), जिसका उपयोग बेहद मजबूत उपकरण बनाने के लिए किया जाता है। आमतौर पर इस तरह के प्लास्टिक का उपयोग नेत्र की रक्षा के लिए किया जाता है। जैसे सनग्लासेस सपोर्ट और सेफ्टी गोगल्स बनाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा ये mobiles phones और compact discs (CD) के लिए उपयोग किया जाता है। 

पिछले कुछ सालों में यह प्लास्टिक विवादों में फंसा हुआ है इस तरह के प्लास्टिक को रिसाइकल नहीं किया जा सकता और इसे रिसाइकल करने पर जो प्रदूषण उत्पन्न होता है वह वायु प्रदूषण का और पर्यावरण प्रदूषण का कारण बनता है इसके अलावा इसे जमीन में भी नहीं दफनाया जा सकता है क्योंकि यह जमीन में दबे रहने पर भी साइकिल नहीं होता और जहरीले रसायन उत्पन्न करता है जो वर्षा के साथ जल में मिल जाते हैं और जल प्रदूषण का कारण भी बनते हैं। 


प्लास्टिक की खोज कब और किसने की? When and who discovered plastic in Hindi: 

सबसे पहले प्लास्टिक का निर्माण व खोज अलेक्जेंडर पार्क्स द्वारा किया गया था। जिन्होंने सन् 1962 में इसे लंदन की महान अंतराष्ट्रीय प्रदर्शनी में शामिल किया गया। इस तरह के प्लास्टिक को Parkesine के नाम से जाना गया था। प्लास्टिल की ख़ोज पार्क्स ने अनजाने में की थी। जब वे waterproofing के लिए shellac के एक synthetic विकल्प को develop कर रहे थे। जबकि, parkesine इतना सफल नहीं हुआ क्योंकि man made plastic के विकास में यह पहला महत्वपूर्ण कदम था।

दुनिया में सबसे पहले synthetic plastic का आविष्कार 1907 में लियो बेकलैंड के द्वारा किया गया।

इसकी प्राप्ति को Bakelite के नाम से जाना जाता है। लियो बेकलैंड ने इस प्लास्टिक के निर्माण के लिए फीनॉल और फार्मेल्डिहाइड की अभिक्रिया में कुछ परिवर्तन करने के बाद आज इस प्लास्टिक का उपयोग कई उद्योगों में किया जानें लगा। बेकलैंड के नाम पर ही इस प्लास्टिक का नाम बेकेलाइट रखा गया।

प्लास्टिक की खोज में बहुत सारे वैज्ञानिकों का योगदान रहा इसी वजह से आज प्लास्टिक बड़े स्तर पर उपयोग में लाया जा रहा है।


प्लास्टिक के क्या-क्या फायदे हैं? What are the benefits of plastic in Hindi: 

प्लास्टिक के बहुत सारे इस्तेमाल और फायदे हैं, जो निम्न प्रकार से हैं- 

1. प्लास्टिक की उत्पादन कीमत काफी कम है।

2. प्लास्टिक के वजन में काफी हल्के होते हैं।

3. प्लास्टिक को अपनी इच्छा अनुसार किसी भी आकार में डाला जा सकता है।

4. इसे पारदर्शी अपारदर्शी और पारभासी किसी भी उद्देश्य से बनाया जा सकता है।

5. प्लास्टिक में कभी भी जंग नहीं लगता।

6. ऊष्मा और विद्युत दोनों का कुचालक है।

7. प्लास्टिक का इस्तेमाल सड़कों को बनाने में तार पाइप बनाने में किया जाता है।

8. प्लास्टिक का उपयोग घर के निर्माण कार्य में भी किया जाता है।प्लास्टिक मनुष्य के लिए खतरा क्यों बनता जा रहा है? 


Why is plastic becoming a threat to humans in Hindi:

जैसा कि आप भी जानते हैं कि प्लास्टिक का उपयोग मनुष्य के जीवन को काफी सरल बना चुका है। पर इसका उपयोग व्यापारिक रूप से करने की वजह से धरती पर रहने वाले सभी जीवो के लिए खतरनाक बन चुका है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में प्रत्येक दिन 9205 टन प्लास्टिक का कचरा जमा होता है, और इसे रिसाइकल किया जाता है। इसके अलावा 6100 टन कचरा नदी नालों पहाड़ों एवं पर्यटक को जैसी जगह पर पड़ा हुआ है। एक रिपोर्ट के तहत भारत एक ऐसा देश है जो हर साल 56 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है। यह हमारे लिए बहुत ही शर्म की बात है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इनमें से आधा प्लास्टिक कचरा ऐसा है जो अभी तक एकत्र भी नहीं हुआ है। इसका एकमात्र कारण है कि नदियां पर्यावरण व पारिस्थितिक तंत्र दिन प्रतिदिन जहरीले होते जा रहे हैं। और इस कचरे से केवल भारत देश ही नहीं पूरे विश्व में परेशानी फैल रही है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पूरे विश्व में 10 खरब प्लास्टिक बैग को इस्तेमाल करके प्रतिदिन फेंक दिया जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि प्रति मिनट 10 लाख प्लास्टिक बैग कचरे में फेंक दिए जाते हैं, जिसका अधिकांश हिस्सा तो ना ही रिसाइकल किया जाता है और ना ही अन्य कामों के लिए उपयोग में लिया जाता है। 

यह सारा कचरा हमारी धरती पर यूं ही पड़ा रहेगा और अमूल्य जीव जंतु पक्षी जानवर और मनुष्य के जीवन पर खतरा बना रहेगा और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता रहेगा। इस कचरे का अधिकांश के बाद नदी नालों और महासागरों में जाकर इकट्ठा हो जाता है जो जल प्रदूषण कारण बनता है। इस कारण से महासागरों की हालत बहुत खराब होती जा रही है। अब हम प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में पड़ेंगे।


प्लास्टिक से होने वाले नुकसान को विस्तार में समझते हैं? Let us understand in detail the disadvantages of plastics: 

प्लास्टिक से होने वाले नुकसान कुछ इस प्रकार से हैं-

1. Plastic के natural decomposition में 400 से 1000 वर्षों लग सकते हैं। इनमें से तो कुछ ऐसे प्लास्टिक है जो non-degradable होते है।

2. प्लास्टिक के कई सारे पदार्थ जलमार्ग महासागरों नदियों झीलों समुंद्रो आदि को प्रदूषित करते हैं। समुद्री स्तनधारी प्रजातियों में तीन में से एक समुद्री कचरे में फंसा मिलता है।

3. बहुत सारे जीव जंतु प्लास्टिक खाने से मर जाते हैं 90% प्लास्टिक समुंद्री पक्षियों के पेट में पाया जाता है।

4. प्लास्टिक का ज्यादातर इस्तेमाल पैकिंग के लिए किया जाता है। प्लास्टिक में रखे हुए भोजन कैंसर जैसी बीमारियों को उत्पन्न करते हैं।

5. जब प्लास्टिक वाली साइकिल के जाता है तब भी बहुत सारी जहरीली गैस से उत्पन्न होती है जो हवा और पानी दोनों को दूषित करती है।

6. कुछ additives जैसे की phthalates इत्यादि को प्लास्टिक में मिला दिया जाता हैं। ताकि इसकी संरचना को रोका जा सके। यह इंसानों में गंभीर हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते है।

7. प्लास्टिक से आग संबंधित खतरों की संभावनाएं अधिक बढ़ जाती हैं।

8. प्लास्टिक कोरी साइकिल करने में अधिक खर्चा आता है।

9. प्लास्टिक बैग अर्थात् थैलियों का इस्तेमाल दुनिया में बहुत ही खतरनाक है, इसी वजह से दुनिया के कई देशों में प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल रोक दिया गया है।


प्लास्टिक प्रदूषण को कैसे रोके उपाय जानते हैं? how to stop plastic pollution in Hindi: 

प्लास्टिक प्रदूषण निम्नलिखित तरीकों से रोका जा सकता है: 

प्लास्टिक प्रदूषण से बचने के लिए आपको खुद को disposable plastics से दूर रखने की कोशिश करनी चाहिए। आपको पता होगा कि 90% प्लास्टिक की ऐसी वस्तु है जिन्हें हम एक बार इस्तेमाल करके फेंक देते हैं। इसमें कुछ है यह वस्तुएं आती है जैसे कॉफी कप के ढक्कन किराना बैग आदि। इन सब की जगह कुछ ऐसी वस्तुओं का इस्तेमाल कह रहे जिन्हें दोबारा उपयोग में लाया जा सके जैसे किराने के सामान लेने के लिए खुद का थैला साथ लेकर जाएं और ढकने के लिए आप किसी कागज के ढक्कन का उपयोग करें जिसे वापस इस्तेमाल किया जाए या फिर उसे रिसाइकल किया जा सके।

आपको खाना खुद बना कर खाना चाहिए ना कि बाहर से मंगवा कर खाना चाहिए अगर आप बाहर से खाना मंगवाते हैं तो प्लास्टिक के डिब्बों में पैक हो कर आता है या फिर आप कहीं बाहर खाना खाने जाते हैं तो वह आपको प्लास्टिक के चम्मच से चाकू देते हैं जिससे आप खाने को खाते हैं इससे काफी ज्यादा प्लास्टिक का बेस्ट होता है। तो आप खुद के food-storage container लेकर ही restaurants में जाएं।

नए खिलौने या नए उपकरण लेने की वजह आप सेकंड हैंड उपकरणों का इस्तेमाल करें जिनकी अवस्था सही हो यह खरीदने के लिए आप सेकंड हैंड दुकानों को ढूंढ सकते हैं या फिर आप ऑनलाइन भी सेकंड हैंड सामान खरीद सकते हैं जो सही कंडीशन में हो इससे काफी ज्यादा प्लास्टिक के प्रदूषण को रोका जा सकता है।

आपको प्लास्टिक की बोतल में भरा हुआ पानी नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि हर साल 20 मिलियन से भी ज्यादा का प्लास्टिक की बोतल कोकोड़े में फेंका जाता है जो प्लास्टिक के प्रदूषण का सबसे बड़ा स्त्रोत है। उसकी जगह जब भी आप बाहर घूमने जाए तो अपने साथ एक बोतल ले खुद लेकर जाए जिसे आप बार-बार पानी भरकर यूज कर सकते हैं। या फिर आप कुछ ऐसी बोतल यूज़ कर सकते हैं जो फिल्टर के साथ आती है जिससे आप स्वच्छ पानी भी पी सकते हैं।

हमें अत्यधिक छोटे प्लास्टिक वाले उपकरणों का उपयोग नहीं करना चाहिए आता है तो जिम में बहुत छोटे आकार में प्लास्टिक का यूज़ किया गया हो उन उपकरणों का उपयोग नहीं करना चाहिए जैसे बैटरी या फिर toothbrush का उपयोग नहीं करना चाहिए इसमें जो छोटे-छोटे प्लास्टिक के टुकड़े होते हैं वह जल के साथ मिल जाते हैं और यह नदी नालों के जरिए समुंद्र या किसी ऐसे जलीय जीव के मुंह में चले जाते हैं जो उनकी मौत का कारण बन जाते हैं इससे जल प्रदूषण अत्यधिक होता है।

आप जब भी बाहर घूमने जाएं तो आप को ध्यान रखना चाहिए कि आप सफर के समय कभी भी खरीदते हैं तो आपको छोटे पैकेट्स नहीं खरीदनी चाहिए क्योंकि छोटे छोटे पैकेट में प्लास्टिक का ज्यादा उपयोग होने की वजह से प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ सकता है इसकी जगह आपको एक ही बार में बड़ा पैकेट खरीद लेना चाहिए जिससे प्लास्टिक प्रदूषण कम हों होता है।


प्लास्टिक की उम्र कितनी होगी? How long will the plastic last in Hindi: 

बढ़ते समय के साथ प्लास्टिक का इस्तेमाल अधिक होने लगा है, जिससे इसका निपटारा करना दुनिया के लिए मुश्किल होता जा रहा है आपको बता दें कि प्लास्टिक के 500 से 700 साल बाद नष्ट होना शुरू होता है और इसे पूरी तरह से नष्ट होने में 1000 साल लग जाते हैं।


अंतिम शब्द: 

आज के आर्टिकल में हमने प्लास्टिक के बारे में पूरी जानकारी पढ़ी। जिसमें हमने आपको बताया कि प्लास्टिक के क्या है, प्लास्टिक कैसे बनता है, प्लास्टिक के हानि और लाभ इसके अलावा प्लास्टिक की उम्र कितनी होती है और प्लास्टिक प्रदूषण से कैसे बचा जाए अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी है तो आप कमेंट में अपना विचार जरूर व्यक्त करें और इससे कंटेंट को अपने फ्रेंड के साथ शेयर करें धन्यवाद।



Plastic FAQs

Q1. प्लास्टिक क्या है कैसे बनता है?

Ans. प्लास्टिक एक प्रकार का कृत्रिम और अर्द्धकृत्रिम पॉलिमर पदार्थ है। जो बड़े आकार के अणुओं वाले रासायनिक यौगिक से मिलकर बनता है।

Q2. प्लास्टिक क्या होती है समझाइए?

Ans. प्लास्टिक एक प्रकार का सिंथेटिक और अर्ध-सिंथेटिक बहुलक सामग्री है। जो बड़े अणुओं वाले एक रासायनिक यौगिक से बना है। प्लास्टिक में मौजूद प्लास्टिसिटी प्लास्टिक को आकार देने में मदद करती है। प्लास्टिसिटी के गुणों के कारण, प्लास्टिक को आकार की ठोस वस्तुओं में ढाला, निकाला और दबाया जा सकता है। प्लास्टिक का व्यापक रूप से उपयोग उनकी अनुकूलन क्षमता और विभिन्न गुणों के कारण किया जाता है, जैसे: प्लास्टिक हल्के, लचीले और सस्ते होते हैं।

Q3. प्लास्टिक का जन्म कैसे हुआ?

Ans. सबसे पहले प्लास्टिक का निर्माण व खोज अलेक्जेंडर पार्क्स द्वारा किया गया था। जिन्होंने सन् 1962 में इसे लंदन की महान अंतराष्ट्रीय प्रदर्शनी में शामिल किया गया। इस तरह के प्लास्टिक को Parkesine के नाम से जाना गया था। प्लास्टिल की ख़ोज पार्क्स ने अनजाने में की थी। जब वे waterproofing के लिए shellac के एक synthetic विकल्प को develop कर रहे थे। जबकि, parkesine इतना सफल नहीं हुआ क्योंकि man made plastic के विकास में यह पहला महत्वपूर्ण कदम था।

Q4. प्लास्टिक की बोतल से क्या बनता है?

Ans. प्लास्टिक की बोतल से निम्न प्रकार की वस्तुएं बनाई जा सकती हैं।

• वर्टिकल हैंगिंग गार्डन (Vertical Hanging Garden)

• फ्लावर पॉट (Flower Pot)

• मनी बैंक (Money Bank)

• समुद्र तल का शोपीस (Ocean Showpiece)

• ज़िपर पाउच (Zipper Pouch)

• स्प्रिंकलर वाटर बोतल (Sprinkler Water Bottle)

• चार्जिंग होल्डर (Charging Holder)

• बर्ड फीडर (Bird Feeder)

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