Bluetooth kya hai? Bluetooth कैसे काम करता है? In 2022

Hello friends, मेरा नाम रवि हैं, और आज हम बात करेंगे Bluetooth kya hai और ये कैसे काम करता है?

जैसा कि आप जानते हैं Bluetooth एक मोबाइल टूल है जिसका उपयोग करके हम एक मोबाइल को दूसरे मोबाइल से Connect किया अपने मोबाइल द्वारा किसी ईयर फोन या हेडफोन को कनेक्ट कर सकते हैं और एंटरटेन का फायदा उठा सकते हैं और आपको बता दें कि ब्लूटूथ का उपयोग एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल में डाटा भेजने के लिए भी किया जाता है तो चलिए जानते हैं, Bluetooth kya hai और ये कैसे काम करता है? In Hindi (What is Bluetooth and how does it work?)

Bluetooth kya hai? What is bluetooth? In Hindi: 

Bluetooth kya hai? Bluetooth कैसे काम करता है? In 2022
Bluetooth kya hai? Bluetooth क्या है, और ये कैसे काम करता है? 2022


जैसा कि आप जानते हैं ब्लूटूथ वायरलेस टेक्नोलॉजी है जिसका उपयोग किसी फाइल को या किसी वॉइस फाइल को एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल या कंप्यूटर या एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में कुछ दूरी पर ट्रांसफर करने के उपयोग में लाया जाता है ब्लूटूथ का आविष्कार 10 वीं शताब्दी में "Danish king" जिनका नाम Harald “Bluetooth” Gormsson था के नाम से हुआ था।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ब्लूटूथ को सन 1996 में केबल ब्यूरो की जगह वायरलेस टेक्नोलॉजी के रूप में डेवलप किया गया था। ब्लूटूथ भी दूसरे वायरलेस टेक्नोलॉजी जैसे घर में और ऑफिस में उपयोग में लाए जाने वाले Cordless Phones और WiFi Routers की तरह 2.4 GHz frequency की तरह ही काम करता है।

Bluetooth अपने चारों और 10 मीटर तथा 30 फीट की दूरी तक Radius Wireless नेटवर्क को बनाया हैं। Bluetooth को Personal Area Network (PAN) या Piconet भी कहते हैं, Bluetooth 2 से 8 डिवाइस के बीच कनेक्शन बना सकता है। 

इसे हम कुछ इस प्रकार समझ सकते हैं, जैसे हम अपने मोबाइल से कंप्यूटर में कोई फोटो या कोई वीडियो सेंड करते हैं तो हम इसे सेंड करने के लिए बिना किसी वायर से नही वायरलेस का उपयोग करके डाटा को सिक्योर रूप में कंप्यूटर या मोबाइल में ट्रांसफर कर सकते हैं इसके लिए हमें किसी एडेप्टर की जरूरत नहीं पड़ती है।

Bluetooth काम कैसे करता है?

जैसा कि आप जानते हैं बढ़ते समय के साथ हमारी दुनिया में टेक्नोलॉजी काफी हद तक पढ़ चुकी है। और काफी ज्यादा मात्रा में ऐसे लोग अपना भी चुके हैं। जो हमें अपने परिवार और लोगों के बीच जोड़े रखने में काफी मदद करती है। आप भी जानते हैं कि बहुत सारे टेक्नोलॉजी इस आई और चली गई लेकिन blutooth wireless connectivity standard जो radio signals का इस्तेमाल करता है इसी वजह से आज ही सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला protocol बन गया।

Bluetooth नेटवर्क अपने मामले में low power radio waves के माध्यम से डाटा को संचालित करता है। Bluetooth 2.45 GHz frequency पर communicate करता है। यह frequency band कुछ ही frequency में से एक है, जिसे औद्योगिक, वैज्ञानिक और चिकित्सा उपकरणों (ISM) के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौते पर अलग किया गया है।

Bluetooth adapter क्या हैं और वे कैसे काम करते हैं? 

Bluetooth radio waves की form में data भेजने और receive करने के simple principle पर कार्य करता है। सभी Bluetooth device में एक card जैसा attachment होता है जिसे Bluetooth adapter के नाम से जान सकते हैं। यही Bluetooth device data send और receive करता है, इस Bluetooth adapter में connection की एक विशिष्ट range होती है।

यह electronic adapter इसी वजह से किसी दूसरे Bluetooth device को notice करता है, जब दूसरा device पहले वाले device की range में होता है, जब दोनों device एक दूसरे के range में होते हैं। तो अपने बीच एक कनैक्शन बना लेते हैं। दो devices के बीच बने इसी connection को pairing of devices कहते हैं।

दो Bluetooth device के बीच डेटा कैसे transfer किया जाता है?

जैसा कि आप जानते हैं, दो devices के बीच data भेजने और प्राप्त करने के लिए radio waves connection का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें data transfer speed 720 kbps की होती है। इस technology में 2.45 Giga Hertz Frequency के साथ 79 frequency channels का इस्तेमाल होता है। जिनके माध्यम से data send और receive किया जा सकता है।

Bluetooth चालू करने पर जब दो device एक दुसरे से जुड़ने की कोशिश करते हैं, वास्तव में वे एक ऐसी common frequency search कर रहे होते हैं जिसकी मदद से data भेज व प्राप्त किया जा सके। जब ऐसी frequency मिलती है तो वे आपस में connect हो जाती हैं। और दोनों device जुड़ जाते हैं।

दो devices के बीच बना connection किसी अन्य devices के connection में रुकावट का कारण नहीं बनता। क्योंकि वे अलग अलग frequency channels का इस्तेमाल करते हैं, और ओवरलैप नहीं होते। साधारण शब्दों में इसे principle behind Bluetooth technology कहते हैं।

Bluetooth का नाम "Bluetooth" कैसे रखा गया?

सन 1996 में Intel, Ericsson, Nokia व IBM जैसी बड़ी कम्पनियों Technology Industry में wireless communication के लिए एक नया तरीका बनाने में लगी थीं। इन सभी कंपनियों ने अपना खुद का Short Range Radio Technology को develop करलिया था। लेकिन जब इन कंपनियों के द्वारा इस technology को दिया गया वो किसी को भी पसंद नहीं आया। तभी इस कहानी के हीरो अर्द्ध आयु के Danish King Haralad Bluetooth की एंट्री हो गई।

Intel के इंजिनियर Jim Kardach जो corporate की भूमिका निभाते हुए। कई कंपनियों को एक जुट किया और बताया। Danish के राजा Harald “Bluetooth” Gormsson के शासनकाल के दौरान की किताब The Longships by Frans G. Bengtsson को पढ़ा। जिस किताब में Harald “Bluetooth” Gormsson द्वारा डेनिश योद्धाओं को एक जुट करने का विवरण किया गया था। Harald “Bluetooth” Gormsson ने डेनिश योद्धाओं को एकजुट होकर लड़ने का संदेश दिया था।

ठीक इसी कहानी से मेल खाते हुए PC और Cellular उद्योगों को एकजुट करने के उद्देश्य से ही इस Short Range Wireless Link को develop किया था। Jim Kardach राजा Harald “Bluetooth” Gormsson के दायित्व से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने इस Technology का नाम Bluetooth रखना सही समझा।

Bluetooth के लाभ क्या है?

Bluetooth के Benefits कुछ इस प्रकार हैं :
  • Bluetooth से किसी दो डिवाइस के बीच बिना किसी वायर के डाटा ट्रांसफर किया जा सकता है।
  • Bluetooth में WiFi के मुकाबले बहुत कम पावर consumption होता है।
  • Bluetooth किसी दीवार के आर पार भी डाटा ट्रांसफर कर सकता है।
  • Bluetooth की रेंज Infrared communication की तुलना में ज्यादा होती है।
  • Bluetooth के द्वारा डाटा ट्रांफर बहुत ही secure होता है। क्योंकि इसमें इस FHSS टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है।
  • इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल Car System, Smartphones, Printer, Speakers, Head Phones, Mouse, GPS System, Keyboard, आदि में किया जाता है।
  • Bluetooth डिवाइस की कीमत बहुत ही कम होती है जिसे कोई भी खरीद सकता है।
  • Bluetooth डिवाइस को एक दूसरे के साथ शेयर करना बहुत ही आसान है इसके लिए कोई अन्य फाइल इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होती है।

Bluetooth की हानियां क्या है?

Bluetooth के Disadvantages निम्न प्रकार से हैं।
  • Bluetooth का wifi की तुलना में Bandwidth बहुत कम होता है। इसी वजह से Bluetooth लिमिटेड होता है।
  •  Bluetooth का सबसे बड़ा disadvantage इसकी सिक्योरिटी है, क्योंकि ब्लूटूथ रेडियो फ्रिकवेंसी पर कार्य करता है। जिसके माध्यम से यह दीवार के आर पार भी कार्य करता है। इसीलिए सलाह दी जाती है कि Bluetooth का इस्तेमाल बिजनेस क्या पर्सनल चीजें ट्रांसफर करने में ना करें।

Bluetooth Technology कितने प्रकार की होती है?

Bluetooth Technology के प्रकार आप नीचे देख सकते हैं।
  1. Bluetooth Keyboard
  2. Bluetooth Stereo Headsets
  3. Bluetooth Enables Webcam
  4. Bluetooth Headsets
  5. Bluetooth GPS Device
  6. In- Car Bluetooth Headset
  7. Bluetooth- Printer

Bluetooth Keyboard: 

Bluetooth Keyboard को बीना किसी wire के computer या laptop में कनेक्ट किया जा सकता है। इस प्रकार के keyboard को smartphone में भीं कनेक्ट किया जा सकता है।

Bluetooth Stereo Headsets: 

Bluetooth Stereo Headsets Traditional Stereo Headsets की तरह ही कार्य करता है, लेकिन इसे किसी प्रकार के wire की ज़रूरत नहीं पड़ती। इस प्रकार के Hendset का इस्तेमाल Smartphne या Mobile Phone में म्यूज़िक प्लेयर को कनेक्ट करने के लिए किया जाता है। क्योंकि इनके बीच की दूरी बहुत कम होती है।

Bluetooth Enables Webcam: 

Bluetooth Enables Webcam भीं इसी तरह काम करता है, जैसे Traditional Webcam काम करता है। इसे भीं laptop या computer से connect करने के लिए किसी तरह के wire की जरूरत नहीं होती। Bluetooth Enables Webcam को photo या video के लिए किसी भी दिशा में घुमा सकते हैं।

Bluetooth Headsets: 

Bluetooth Headsets का यूज़ smartphone या mobile phones के साथ connect करने के लिए किया जाता है। इसकी सहायता से आप बिना किसी wire की सहायता के अपने फोन को कनेक्ट करके call कर व receive कर सकते हैं।

Bluetooth GPS Device: 

GPS Device के साथ Bluetooth Technology का उपयोग Traditional GPS में एक improvement माना जाता है। इस प्रकार की Device को आवाज़ की सहायता से नियंत्रित किया जाता है। अगर आप बोल कर GPS में address बताते हैं। तो screen के ऊपर उस address की दिशा आ जाती है।

In- Car Bluetooth Headset:

 In- Car Bluetooth Headset में आप पहले अपने स्मार्टफोन या mobile को car के साथ कनेक्ट कर लेते हैं। इसकी सहायता से कार में म्यूज़िक चला सकते हैं। और इतना ही नहीं phone call reserved or dial भी कर सकते हैं।

Bluetooth Equipped Printer: 

Bluetooth Equipped Printer की मदद से किसी भी Bluetooth devices को जोड़ कर text document और pictures को प्रिन्ट कर सकते हैं। Bluetooth device जैसे की mobile phones, leptop, computer, या smartphone से बीना किसी wire की सहायता के कनेक्ट करके प्रिंट कर सकते हैं।

Bluetooth Technology के Applications क्या है?

Bluetooth Technology का उपयोग निम्न प्रकार से किया जाता है।
  • Bluetooth की सहायता से images, Video, और audio जैसी फाइल बिना किसी wire या केबल का उपयोग किए स्मार्टफोन या लैपटॉप में ट्रान्सफर किया जाता हैं।
  • लैपटॉप और कंप्यूटर के बीच वायरलेस network कनेक्शन बनाने के लिए इस tecnology का इस्तेमाल किया जाता हैं। ऐसा इसलिए क्योंकी इसमें Bandwidth बहुत कम होती हैं। 
  • सभी peripheral devices keyboard, mouse, spiker, Printer इत्यादि को PC या लैपटॉप से बीना किसी wire के एक दुसरे से कनेक्ट किया जा सकता है।

Bluetooth Technology के सभी Versions?

जैसा की आप जानते हैं, इस समय मार्केट में Bluetooth Technology के बहुत सारे versions है, जो Data speed, Range, और Power consumption के आधार पर अलग अलग है। सभी version अपने से पहले वाले version अलग और ख़ास होता है। Bluetooth के market में 7 versions है, जो v1.2, v2.0, v2.1, v3.0, v4.0, v4.1 and v5.0 versions हैं। सभी version अपने previous versions के साथ Compatible हैं। जिससे ये सभी आसानी से एक दुसरे के साथ कनेक्ट हों जाते हैं। चलो जानते हैं इन सभी version के बारे में। 

Bluetooth के version और इनके बीच अंतर:

Bluetooth v1.2

इसमें डाटा Transfer Speed 720 kbps की होती है, और यह अपने previous version Bluetooth v1.0 के अनुकूल है।

Bluetooth v2.0

इसमें Data Transfer Speed 2.1 Mbps की होती है, और यह अपने previous version Bluetooth v1.2 के अनुकूल है।

Bluetooth v2.1

इसमें Data Transfer Speed 3 Mbps की होती है, और यह अपने previous version Bluetooth v1.2 के ही अनुकूल है।

Bluetooth v3.0

इसमें Data Transfer Speed 24 Mbps की होती है, और यह अपने previous version Bluetooth v2.1 के अनुकूल है।

Bluetooth v4.0

इसमें Data Transfer Speed 24 Mbps की होती है, और यह अपने previous version Bluetooth v3.0 के अनुकूल है।

Bluetooth v4.1

यह एक खास तरह की LTE cellular Technology पर काम करता है, और यह सभी Previous Version के साथ Backward Compatible होता है।

Bluetooth v5.0

अभी तक जितने भीं वर्जन हमने देखें उनमें से सबमें यह version सबसे अच्छा बनाया गया हैं। इसका उपयोग ज्यादातर Mouse, Bluetooth Headphones और Music Accessories के लिए किया जाता है। इसकी खासियत यह है, कि इसमें एक device के साथ दो Bluetooth earphone connect कर सकते हैं। इसकी Speed बहुत अच्छी है, और यह काफ़ी दुरी तक काम करता हैं। यह सभी version की तुलना में बहुत कम power consumption करता है। इस प्रकार बैट्री कम खर्च होती हैं। और यह लंबे समय तक काम करता है। और यह सभी previous versions के साथ backward compatible है।


अंतिम शब्द: 

मैं आशा करता हूं, की आपको Bluetooth kya hai और ये कैसे काम करता है पूरी तरह समझ में आ गया होगा। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो वेबसाइट को follow करे और फ्रैंड्स के साथ शेयर करें। मैं रवि आपको दोबारा मिलूंगा एक नए कंटेंट के साथ। तब तक के लिए अपना ख्याल रखना।

Bluetooth - FAQs

Q1. Bluetooth kya hai?
Ans. Bluetooth एक wire लेस tecnology हैं, जो एक device से दूसरे डिवाइस में data transfer करने के काम आता हैं। यह फ़ोटो, विडियो, प्रिंटर, keyboard, mouse इत्यादि के इस्तेमाल में लाया जाता है।

Q2. ब्लूटूथ कितनी दूरी तक काम करता है?
Ans. Bluetooth 1 मीटर से 5 मीटर की दूरी तक काम करता हैं, और यह दीवार के आर पार फाईल को ट्रांसफर करने के काम आता हैं। 

Q3. ब्लूटूथ डिवाइस कैसे काम करता है?
Ans. Bluetooth एक वायरलैस tecnology है, जो किसी फ़ाइल को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में ट्रांसफर करने के काम आता है। इसे हम फोटो वीडियो वॉइस ओरे डॉक्यूमेंट टेक्स्ट फाइल एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में ट्रांसफर कर सकते हैं।

Q4. ब्लूटूथ कौन सा कंपनी का अच्छा होता है?
Ans. Zebronics ZEB-LARK

Q5. Bluetooth को हिंदी में क्या कहा जाता हैं?
Ans. Bluetooth को हिंदी में डाटा सम्प्रेषण प्रणाली कहा जाता हैं।

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